अध्यात्माबद्दल जरा जरी आकर्षण असलेल्या व्यक्तीला पारद शिवलिंगाची उपासना केलीच पाहिजे असे माझे मत आहे.
इस शिवलिंग का घर में रखना अत्यधिक सुबह होता है। परन्तु इसे सही दिशा में रखना चाहिए। पारद शिवलिंग के रखने के महत्वपूर्ण नियम होते हैं।
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आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.
अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.
हिन्दू धर्म में पारद शिवलिंग शुभ होती है। शिवलिंग की पूजा करने से अधिक लाभ होता है। जीवन में सभी प्रकार की खुशियां प्राप्त होती है। करियर में सफलता प्राप्त होती है। परिवार में सुख शांति आती है और घर धन- धान्य से बना रहता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या भी दूर होती हैं। जैसे अस्थमा और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी दूर होती है। यह जीवन की सभी परेशानियां समाप्त कर देता है। इसलिए पारद शिवलिंग अत्यधिक लाभदायक है।
कुर्याद्विधानं रुद्राणां यजुर्वेद्विनिर्मितम्।
अर्थ~ पारद read more का अर्पण, पूजन, चिंतन, धारण और सेवन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
प्रमेह रोग शांत्यर्थम् प्राप्नुयात मान्सेप्सितम।
इसके बाद पर पराद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जलाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
पारद शिवलिंग की विशेषता यह है कि पूजा करने से पहले इसे सक्रिय करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से सक्रिय होता है। इसलिए बिना किसी विचार के घर में पारद शिवलिंग रखकर पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती है। घर-परिवार में मौजूद सभी समस्याएं धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं।
पं. शर्मा के अनुसार घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।
पारद शिवलिंग की पूजा करने से ग्रह दोष और जीवन के पाप दूर होते हैं।